लाशों का मांस नोचने वाले गिद्ध

Jivan chakra.

 हम कितनें मासूम हैं !


लॉक डाउन की खबर सुनते ही शराब की दुकानों पर टूट पड़ते हैं, 2 रुपये का नींबू 10 रुपये में बेचने लगते हैं। 


30 रुपए का प्याज 100 रुपये में बेचने लगते हैं। 25 का परवल 80 में बेचने लगते हैं।


मरीजों के लिए ऑक्सीजन की कमी सुनते हैं तो ऑक्सीजन की कालाबाजारी शुरू कर देते हैं, 


हम मरीज को मात्र 20,30 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए 10 से 15 हजार किराया मांगने लगते हैं। 


दम तोड़ते मरीजों की दुर्दशा देखते हैं तो रेमडेसिविर इंजेक्शन में पैरासिटामोल मिलाकर बेचने लगते हैं।


 हम जब मरीजों पर जान की आफत देखते हैं तो लाखों का बिल बनाकर चूसना शुरू कर देते हैं। हम मरीजों के लिए जरूरी दवाओं के नाम जानते हैं फिर उनको स्टोर करना शुरू कर देते हैं।


वास्तव में हम बहुत मासूम हैं ....या लाशों का मांस नोचने वाले गिद्ध .......

Comments

Popular posts from this blog

प्रजातन्त्र का तन्त्र-मंत्र

उसकी एक मुस्कान