उसकी एक मुस्कान


नज़रे झुक जाती है.
लफ़्ज़ों पे ख़ामोशी फैल जाती है
जब वो रूठ जाती है
कोशिश हजारों जब कोई रंग ना लाती है
दुनिया ही बेरंग हो जाती है
जब वो रूठ जाती है. .
उसकी एक मुस्कान के खो जाने पर कोसा जाता है.
दुनिया की तमाम अच्छी उपमाओ को उसे परोसा जाता है. .
कोशिश की जाती है
उसे मनाने की. .
उसके रूठे होठो पे वो हसीन मुस्कान लाने की. .
जब वो रूठ जाती है.  !


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